सुन! अरज भेजी है उसने।
हां! तुम्हीं को पुकारता... हूं!
पहचानते होगे, ऐसा मै जानता हूं!
आता जाता भी रहता हूं,
सांसों पर चढ़ कर...
प्रायः तुम्हारे घर..पर।
मिलता भी रहता हूँ,
कभी मंदिर, कभी मस्जिद,
कभी गुरुद्वारों के अंदर..
कभी बिरवों में, फूल, पत्तों में
मेमनों में, कभी फूल सी बरसती तेरी बूंदों में।
खोजता, खिलता, लिखता..
एकतरफा बातें करता,
तुमसे,
याद करो, पहचानोगे... जरूर
नाम भी लेता रहता हूँ
बराबर, प्रेम से, प्रेम में
बिना किसी काम के यूं ही तुम्हारा..
यहां! इस जहां, चलते फिरते यहां वहां,
जब समय मिले, जहां।
आज.... एक "अरज" ले के आया हूं
पास "तेरे"..., उसकी... जो
पहली बार "मां"... बनी है,
तेरे बनाए प्रेम.. में, बहती..,
तेरे माझे में फंसी है,
रे....., सुन! उसने पयाम भेजा है,
परेशाँ है वह!
तुझे याद करती है,
अपनी अरज कुछ यूं कहती है..
"सुनो! हार गई हूं, वह, सब करके"..,
सुनते हो न!
सुनो! बरख्त ख़ालिश तुमसे, मुझसे
कहलवाया है उसने,
अपनी निजी बात
समर्पण किया है.. तेरे आगे
हार हार कर अब उसने।
बात सुन! लेकर तेरी ही रूह,
अपने उस बच्चे में..., आफतजदा है,
निकाल दिया है
हस्पताल ने इस हाल में, तुझको और उसको,
क्या करे वह...
तेरे सिवा, तुझे ले कहां जाए!
क्यों रोता है तूं, उसकी, गोद में
इतना...ऐसे? सांस ही नहीं लेता,
डर जाती है वो...
क्या तुझे नहीं पता!
तेरे लिए, तुझे ले ले के दौड़ती रही है
रातोंदिन, जागी है, दुआएं मांगी है,
साफ दिल से,
किन किन से..,
आंखे सूजी हैं उसकी
भभस आई हैं, रिसने लगी हैं
तेरे ऊपर बूंद बन बन माइनस टेंप्रेचर में
देख तो,
कैसे बरसने लगी हैं....!
आखिर तूं है कहां ...?
गोद में बैठा उसकी ,
किस और ग़मजदा की फिक्र में है अलहदा।
क्या मैं मानू की उसकी अरज
तुझतक पहुंची ...?
क्या बताऊं उसको,
उसने तो पूरे विश्वास से
दयार्द्र हो! अपनी अरज भिजवाई है
तुझको, मुझसे ।
कुछ कर!
तेरा तो बड़ा नाम है यहां!
उसकी नहीं, अपनी तो इज्जत रख याराँ...
चल, छोड़ अपने को,
हम बुजुर्गों का ही खयाल रख
कुछ कहता हूं तुमसे, चुपके...
सुन ध्यान से!
ये बच्चे हैं अभी,
इन्हें, इतना न, परेशान कर।
टूट जाएंगे, बिखर जाएंगे
सोच! फिर तेरे, कैसे ये काम आएंगे ।
अरे! खुश कर दे!
हंस दे! माफ़ कर दे इन्हें..
इनकी बगिया, तेरे आंखों सी झांकती
खुशनुमा फूल के चेहरे सी खिलखिलाते
गुल ही क्यों गुलदस्ते सी महके।
और क्या कहूं,
कह सकता भी क्या हूँ,
इससे ज्यादा और मैं तुमसे।
जय प्रकाश मिश्र
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