दीपावली शुभ हो, नगर वासियों दीपावली शुभ हो!
दीपावली है, कच्ची मिट्टी के दीप के बिना पूरी नहीं होगी। उन्हें बेचने गांव से लोग इस जाड़ा में पैसा खर्च कर, कुछ न्यूनतम खाने पीने की चीजे लादे बूढ़े मां पिता छोटे बच्चों को किसी के हवाले कर शहर में उम्मीद लिए आए है। न रहने को निश्चित जगह, न शौच स्नान की कोई व्यवस्था और ऊपर से पुलिस व निगमों की वसूली की दुकान लगाए हैं। जो सामान नहीं बिका सब कैसे ले जाएं भाड़ा मंहगा होगा सोच सब छोड़ प्रभु राम के गुन गाते और इस तरह दिवाली मनाते जा रहे हैं। इसी पर यह कविता पढ़ें।
दीपावली.. है,
खुशियां बड़ी... हैं,
जानता हूं, देख कर अभिभूत हूं!
पर! राज सारे जानता हूं,
इसलिए,
कुछ सोचने पर
आज भी मजबूर हूं!
देखता हूं,
सड़क पर वह, चार दिन से..
आ जमे... हैं,
छोड़ कर घर बार, बंधु,
लाद कर लारी पे सबकुछ..
मिट्टियों के बर्तनों को, दीपकों को बोरियों में
अधपकी, कुछ पक चुकी सी
आकृति को, लादे फांदें..
रंग रोगन.. साथ लेकर
खुले ही, आकाश नीचे,
माह अक्टूबर में, कैसे
बोरियों में लिपटे, सिमटे...रात भर!
ठंड में, ये मरते खपते..
बिनु किछु व्यवस्था! निवसने की!
सड़क ऊपर!
जगते जगाते, काटते हैं!
क्या बिकेगा? क्या बचेगा? सोचते वे!
जिंदगी को कोसते वे,
प्रभु राम के गुन
खाली समय में गा रहे हैं।
वर्ष चौदह बाद!
आए थे कभी वो!
जंगलों से लौटकर जो राम!
उनकी खुशी में!
छोड़कर! घर बार अपना!
सड़क पर बैठे हुए, ये...
भाग्य पर हंसते हुए! ये...
उड़ती हुई इस धूल.. में,
पुलिसियों..., नगर निगमों.., की
वसूली भीड़ में, चीत्कार करते ...
देखते है, शहर को, चिलबिलाती धूप को
चुलबुलाती भीड़ को..
रुपए दो रुपए, तुम और कम कर!
दीप के! इन खिलौने के!
सुनते, सुनाते.. देखते!
वर्ष .. 24 की दिवाली ग़म-खुशी से..भीग कर
कल्पना की सेज पर ये बैठ कर..
कुछ सोचते! मन ही मन में, मना रहे हैं।
सामान..
जो ना.. बिक सका!
उसे बांधता, कभी छोड़ता,
कितना किराया..
वापसी का.. फिर लगेगा, सोचता..
अनुमानता है खर्च सारा इसलिए..
छोड़ कर संपत्ति.. अपनी,
राजी खुशी...
इस शहर से वह जा रहा है,
शहर से इस विदा लेता, रोता हंसता जा रहा है।
काश!
कोई आज होता!
इन दियों, इन बर्तनों का मूल्य देता
कुछ तो देता..
सच कहूं वह पुण्य लेता।
सच कहूं वह पुण्य लेता।
क्या करे वह! कहां रखे! किसको दे दे
सोचता मन ही मन पछता रहा है।
इस शहर जा रहा है।
आपको दीपावली की शुभकामना ।
(स्वरचित मूल रचना)
जय प्रकाश मिश्र
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