मन खुश हुआ

दो पत्तियां,  🌿

क्या आ गई 

सूखती उस डाल पर

देखकर

मन खुश हुआ।🤓


दो नन्हीं कलियां  🌷🌷

खिलने को आतुर थीं

फूल की उस डाल पर

देखकर

मन खुश हुआ।   🐒


एक पतली रेखा 

अति क्षीण सी 

थोड़ी गुलाबी, ,🍹

झांकती,

खिलती कली के 

अधर पर

बस, देखकर मन खुश हुआ।   🫣


एक चिड़िया चहकती, 🐥

बैठी हुई उस

डाल पर 

सबसे पतली 

बस ठुंनकती है।    🐦

डाल हिल हिल कह रही है

यह यहां है, यह यहां है

देखकर उस डाल का

वह लचकना 

मन खुश हुआ।   🐬


मन खुश हुआ 

देख कर कंट्रास्ट 🌽

धानी पत्तियों में खिल रहे 

उस केशरी से किसलयों 

में व्याप्त 

अनुपम मधुरता को देखकर।😂


मन खुश हुआ 

मकरंद की भीनी

महक से।    🌺

चटकती उस 

रातरानी के 

कलिल कोमल हृदय से 

आ रही थी, पास मेरे 

बिन बुलाए

लाज से आंखे 

झुकाए थोडा नीचे।   🥀


मन खुश हुआ 

सुन सरसराता 

शीर्ष पर 

संघर्ष होता

पत्तियों का पवन

के संग, 

एक साथ मिलकर

एक साथ टिककर।🌊


जय प्रकाश मिश्र

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