कौन है जो संग देता, रंग देता चेतना को,
कौन सी वह जड़ बताओ
पनपती है, जन्मते ही,
मृत्यु तक है साथ रहती
चिर युवा बन संग तेरे।
जीवन में जीव के साथ वह क्या है जो जन्म से मृत्यु पर्यन्त साथ रहती है। जो हमे सदैव गतिमान बनाए रखती है।
कौन है जो संग देता,
रंग देता चेतना को,
देख कर जिसको सृजन-ती
कल्पना उस क्रमिक पथ पर।
वह विशिष्ट क्या है जो हमारी चेतना पर हावी होकर उसे अपने साथ अपने रंग या अपने अनुसार सृजन या कार्य करवाता रहता है, अपने अनुसार कल्पना करवाता रहता है।
परिवर्तनों का क्रम ही उर है
कल्पना संग मन का तेरे।
स्वयं अभिप्रेरित व्यवस्थित
चल रहा इस सकल जग में।
सृष्टि में, नभ में, जलों में,
एक संग चहुंओर तेरे।
इस विश्व के गर्भ में जो रहस्य है वह भीतर नहीं बाहर है, क्योंकि सत्य अपने को छिपाता नहीं प्रकाश उसका गुण है। ‘प्रकृति की स्वतः स्फूर्त परिवर्तनशीलता’ वह राज है, जो हर समय, हर जगह, हमें आकर्षित कर अपने साथ अपनी गतिमय लयता में बांध, नचाती रहती है।
गति वहीं से
है पकड़ता,
इंद्रियों का रस है जिसमे,
मन जिसे कहते हो तुम,
गति रुपता का
लय ही वो है।
सारी इंद्रियों का एक मात्र ‘रस रूप’ मन है। यह मन इस विश्व की परिवर्तन-शीलता से गति-मयता पकड़ता है और हमे जीवन भर सांस नहीं लेने देता।
अवधारणा है बंध की..
बंधन नहीं कोई दिखता,
मुक्ति में माया छिपी है
वह मुक्त 'है, था,' सर्वदा।
यद्यपि हम या हमारा आत्मतत्व मन से मुक्त ही है, सदैव रहा भी है, पर हमने खुद ही संसार के बंधन में बंधना स्वीकार किया है। अपनी इच्छाओं अर्थात मन का अतिक्रमण सतत संयम से संभव है। मुक्ति एक मायावी कल्पना है, मुक्तता ही हमारा स्वभाव है।
हैं निवेशित वस्तुएं सब
विश्व का व्यापार गति है,
परिवर्तनों की आड़ में
काल का बाजार मृत है।
चेतना सबकी यहां पर
अनुभवों में है सिमटती
अनुभूति ही अवशेष रहती
भस्म केवल शेष बचती।
प्रकृति परिवर्तन के गुण से परिणाम गामी है। सारा विश्व पदार्थ और प्राणी इसी से बंधे हुए हैं। यद्यपि सारी उपलब्धियों के बाद मात्र अनुभूति स्मृति ही शेष बचती है। पदार्थ और रूप समय के सापेक्ष खत्म, भस्म हो जाते है। काल सदा से मृत्यु बाधित रहा है।
छू नहीं सकते हो तुम कुछ
पा... नहीं सकते हो.... तुम
काल.... में सब गर्त.. होता
देखते... हो नित्य... ही तुम।
जय प्रकाश मिश्र
संसार नश्वर ही है, वास्तविक प्राप्ति, या उपलब्धि जिसके पीछे हम भागते रहे कुछ नहीं होती।
👏👏👏
ReplyDeleteआपका कमेंट्स अच्छा लगा। पढ़ना चाहिए, कुछ तो मिलता ही है।
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